वो आज भी उसी चाय की दुकान पर रोज़ बैठ कर दो कुल्हड़ चाय मंगाता है; एक खुद के लिए और दूसरा उमा के लिए... वो आज भी उसी चाय की दुकान पर रोज़ बैठ कर दो कुल्हड़ चाय मंगाता है; एक खुद के लिए...
यह सुनकर प्रज्ञा भी सिर झुका कर मुस्कुरा दी, जैसे वह भी यही सुनना चाहती थी। यह सुनकर प्रज्ञा भी सिर झुका कर मुस्कुरा दी, जैसे वह भी यही सुनना चाहती थी।
आज़कल सच्चा व शु़द्ध प्रेम कॅालेजों व स्कूलों में उपजता है । यह प्रेम की होल सेल मार्किट आज़कल सच्चा व शु़द्ध प्रेम कॅालेजों व स्कूलों में उपजता है । यह प्रेम की होल सेल ...
"नहीं, सना तू तो जानती है न कि मेरा रंग कितना सांवला है । "नहीं, सना तू तो जानती है न कि मेरा रंग कितना सांवला है ।
मन में आज भी वह परिस्थिति कचोटती है अधूरे दर्शन की ,जब हमे अपनी मजबूरियों पर झुकना पड़ा मन में आज भी वह परिस्थिति कचोटती है अधूरे दर्शन की ,जब हमे अपनी मजबूरियों पर झुक...
इतनी देर से वही कोशिश कर रही थी...पर आपका इरादा ही कुछ और था इतनी देर से वही कोशिश कर रही थी...पर आपका इरादा ही कुछ और था